प्रथम - गुरुनानक (सिख सम्प्रदाय के स्थापना )
द्वितीय - गुरु अंगद ( गुरुमुखी लिपि का विकास ,लंगर व्यवस्था प्रारंभ , पंचप्यारे प्रथा का शुरुआत)
तीसरे - गुरु अमर दास (22 सिख गद्दी के स्थापना , )
चौथे गुरु - गुरु रामदास ( अमृत शहर का स्थापना )
पाँचवें गुरु - अर्जुन देव (स्वर्ण मंदिर का निर्माण , गुरु ग्रन्थ साहेब की रचना ,इन्ही के समय गुरु पद
वंशानुगत हो गया ,मुग़ल बादशा जहांगीर ने अर्जुन देव को फांसी दिया )
छठे गुरु - गुरु हरगोविंद (अकालतख्त की स्थापना , नगरा का प्रारंभ , नगारा सिखःधर्म का राजकीय चिन्ह है !)
सातवें गुरु - गुरु हर राय
आठवें गुरु - गुरु हर किशन ( इसका कार्यकाल सबसे छोटा था !)
नौवें गुरु - तेगबहादुर ( जिसे मुग़ल बादशाह ओरंगजेब द्वारा फांसी दे दिया गया )
दसवें गुरु - गुरु गोविन्द सिंह (खालसा पंथ की स्थापना , पाहुल प्रणाली की शुरुआत ,इसके बाद गुरु पद के परम्परा समाप्त )
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