डच ईस्ट इंडिया कम्पनी
डच ईस्ट इंडिया कंपनी भारत आने वाली तीसरी कम्पनी थी जिसकी स्थापना 1602 ई. में हुई थी।
डच कम्पनी अपना पहला व्यपारिक कोठी 1605 ई. में मछलीपट्नम (आंध्र प्रदेश ) में स्थापित किया।
भारत आने बाला पहला डच यात्री कर्नेलिश द हस्तमान था जो व्यक्तिगत रूप से 1596 ई. में भारत आया था। डच कम्पनी मछलीपट्नम के अतिरिक्त अपनी व्यापारिक कोठी पुलिकत (तमिलनाडु ) ,सूरत ,पटना चिनसुरा (कर्नाटक ) ,एवं आंध्र प्रदेश के नागपटनम में भी स्थापित किया था। डच कम्पनी का मुख्य उद्देश्य भारतीयों के साथ मशाला व्यापार करना था।
1759 ई. में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कम्पनी ने डच ईस्ट इंडिया कम्पनी को बेदरा के युद्ध में पराजित कर दिया और उसके बाद डच ईस्ट इंडिया के सभी व्यापारिक कोठी पर अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कम्पनी ने अधिकार कर लिया। डच कम्पनी मुख्या रूप से हॉलेंड की कम्पनी थी।
भारत में यूरोपीय कम्पनी का आगमन
पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कम्पनी
is post me hamane apako dach east india campany ke bare me jankari diye hai
डच ईस्ट इंडिया कंपनी भारत आने वाली तीसरी कम्पनी थी जिसकी स्थापना 1602 ई. में हुई थी।
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dutch east india company |
डच कम्पनी अपना पहला व्यपारिक कोठी 1605 ई. में मछलीपट्नम (आंध्र प्रदेश ) में स्थापित किया।
भारत आने बाला पहला डच यात्री कर्नेलिश द हस्तमान था जो व्यक्तिगत रूप से 1596 ई. में भारत आया था। डच कम्पनी मछलीपट्नम के अतिरिक्त अपनी व्यापारिक कोठी पुलिकत (तमिलनाडु ) ,सूरत ,पटना चिनसुरा (कर्नाटक ) ,एवं आंध्र प्रदेश के नागपटनम में भी स्थापित किया था। डच कम्पनी का मुख्य उद्देश्य भारतीयों के साथ मशाला व्यापार करना था।
1759 ई. में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कम्पनी ने डच ईस्ट इंडिया कम्पनी को बेदरा के युद्ध में पराजित कर दिया और उसके बाद डच ईस्ट इंडिया के सभी व्यापारिक कोठी पर अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कम्पनी ने अधिकार कर लिया। डच कम्पनी मुख्या रूप से हॉलेंड की कम्पनी थी।
भारत में यूरोपीय कम्पनी का आगमन
पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कम्पनी
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