भारत आने पहला पुर्तगाली यात्री वास्कोडिगामा था , जो 1498 ई. केरल के मालाबार समुद्री तट के कालीकट बन्दरगाह पर पंहुचा था। पुन: 1501 ई. वास्कोडिगामा भारत आया। 1503 ई. पुर्तगाली ने अपना पहला व्यापारिक कोठी (मालगोदाम )के रूप में केरल में किनौर के निकट कोचीन दुर्ग का निर्माण कराया। 1505 ई. में सेंट एंजेलो फोर्ट का निर्माण कराया।
1505 ई. में पुर्तगाल का पहला गवर्नर जनरल अल्फांसो डी अल्मोडा को बनाया जो 1509 ई. तक रहा। इन्होने समुद्री निति पर बल देते हुए ब्लू वाटर पॉलिसी को अपनाया। इसके समकालीन बिजय नगर के शासक बीर नरसिंह था।
दूसरा पुर्तगाली गवर्नर 1509 ई. अल्बुकर्क बना जो 1515 ई. तक रहा। इन्होने 1510 ई. में बीजापुर के शासक से गोवा को छीन लिया , जिस कारन इसे पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कंपनी के वास्तविक संस्थापक भी कहा जाता है। इन्होने पुर्तगाली की जनसंख्या में वृद्धि के लिए पुर्तगाली पुरुष और भारतीय महिला के विवाह का नियम बना दिया। 1515 ई. में इसकी मृत्यु हो गया , इसे गोवा में ही दफ़ना दिया गया।
1588 ई. में पुर्तगाली ने भारत के अतिरिक्त मल्लका और कोलम्बो में भी व्यापारिक कोठी स्थापित किया। पुर्तगाली का प्रमुख केंद्र गोवा रहा। जिस पर स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी पुर्तगाली का अधिकार रहा। 1961 ई. में सैनिक करबाई द्वारा भारत सरकार गोवा को मुक्त कराया। जहाज निर्माण और प्रिंटिंग प्रेस के क्षेत्र में पुर्तगाली का प्रमुख योगदान रहा।
भारत में पहला प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना 1557 ई. गोवा में गोवा में किया गया।
भारत में यूरोपीय कम्पनी का आगमन
is post me hamane purtgali east india company ke bare jankari diye hai
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